शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अपनी पसंदीदा भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे छात्र

आगरा। छात्र-छात्राएं शैक्षणिक सत्र 2021-22 से अपनी पसंदीदा भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) की ओर से हिंदी सहित 11 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों का लिटरेचर स्वयं पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इसकी पुस्तकें भी लिखवाई जाएंगी। एआईसीटीई की कार्य परिषद के सदस्य और डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि अभी तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में कराई जाती है। विभिन्न क्षेत्रीय बोर्ड से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करके इंजीनियरिंग संस्थानों में पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम समझने में परेशानी होती है। यह पाठ्यक्रम को अच्छे से समझ सकें, इसलिए अभी 11 भाषाओं में पाठ्यक्रम का लिटरेचर तैयार कराकर अपलोड किया गया है। कुल 22 भाषाओं में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम लिटरेचर तैयार कराया जाना है। सत्र 2021-22 से हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी और नेपाली भाषाओं में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम का लिटरेचर तैयार कराया गया है। प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि एआईसीटीई ने दस विषयों की नौ क्षेत्रीय भाषाओं में पुस्तकें लिखवाने के लिए भी बजट निर्धारित कर दिया है। एक पुस्तक लिखने के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे। मूल पुस्तक जिसने लिखी होगी, उसे दो लाख रुपये दिए जाएंगे। आगरा। एआईसीटीई की ओर से सनाथ योजना शुरू हो गई है। इसमें जिन छात्रों के माता या पिता की कोरोना से मौत हो गई है, और उनके परिवार की वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम है, उनको प्रति वर्ष 50 हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना लाभ उन छात्र-छात्राओं को भी दिया जाएगा, जो शहीदों के संतान हैं। प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि देश के 2000 छात्र-छात्राओं को योजना के तहत इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जानी है। इसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा और जरूरी प्रमाणपत्र लगाने होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *