सीएम योगी ने गुरू पूर्णिमा पर महंत अवेद्यनाथ की उतारी आरती, जनता दरबार में सुनी फरियाद

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पूजा अर्चना की। वहीं गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में मुख्यमंत्री योगी ने जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुनी। इस दौरान सीएम ने सैकड़ों लोगों की समस्या सुनी। लोगों को भरोसा दिया कि उनकी समस्या का समाधान होगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होने पाएगा। मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि हर मामले का निपटारा सही तरीके से होना चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को जिले में तीन दिवसीय दौरे पर आए सीएम योगी ने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री योगी ने उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कर प्रदेश के पांचवें सैनिक स्कूल की आधारशिला रखी। रात्रि विश्राम के बाद शनिवार सुबह गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया। भ्रमण कर मंदिर की साफ-सफाई की व्यवस्था देखी। मंदिर में हो रहे निर्माण कार्य का भी जायजा लिया। इसके बाद वह गोशाला पहुंचे।गोशाला में उन्होंने गायों को चना और गुड़ खिलाया। वहां से निकलकर मुख्यमंत्री हिंदू सेवाश्रम पहुंचे। बारी-बारी से सैकड़ों लोगों से मिले, उनकी समस्याएं सुनीं और सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। शनिवार को जनता दरबार में सबसे अधिक मामले पुलिस से संबंधित ही आए, जिससे सीएम योगी के सामने पुलिस विभाग की लापरवाही सामने आ गई। गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में जनता दर्शन के दौरान सैकड़ों लोगों की फरियाद सुनी और उन्हें समस्या समाधान का आश्वासन दिया। करीब सवा घंटे चले जनता दर्शन के बाद मुख्यमंत्री मंदिर स्थित आवास में चले गए और बाकी फरियादियों की समस्या मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के प्रभारी मोतीलाल सिंह ने सुनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा पर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ व महंत अवेद्यनाथ की पूजा अर्चना की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरु की परंपरा करीब पांच हजार वर्षों से गुरू पूर्णिमा के रुप में हम सब मनाते आ रहे हैं। पांच हजार वर्ष पूर्व भगवान देवाभ्यास ने भारत की परंपरा को जो एख नई दिशा दी उनकी प्रतिकृता के अतिरिक्त का यह पर्व है। व्यास पूर्णिमा की तिथि गुरु पूर्णिमा के रूप में हम सब बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते आए हैं। अपने गुरू के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का शुभ अवसर हमें प्राप्त होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *