वाराणसी। प्रयागराज के हिंदुस्तानी अकादमी की पांडुलिपियों के संरक्षण की तैयारी शुरू हो गई है। इंडोलॉजी क्लासिक्स इनपुट सोसाइटी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोमवार को संस्था के निदेशक डॉ. संतोष द्विवेदी के नेतृत्व में टीम वाराणसी से प्रयागराज रवाना हो गई। टीम अकादमी की दो हजार पांडुलिपियों की फोटोग्राफी एवं डिजिटलाइजेशन करेगी। डॉ. संतोष द्विवेदी ने बताया कि दो हजार पांडुलिपियों में करीब 22 हजार पेज संस्कृत के विभिन्न विषयों से संबंधित हैं। इन पांडुलिपियों के संरक्षण के तहत डिजिटलाइजेशन, लिपिबद्ध, फोटोग्राफी के अलावा डिस्क्रिप्टिव कैटलॉग भी तैयार किया जाएगा। डिजिटलाजेशन का कार्य समाप्त होने के बाद इंडोलोजी सोसाइटी द्वारा पांडुलिपियों की लिप्यांतरण का कार्य कराया जाएग। ऐसे में समय लगने की संभावना है। टीम में पांडुलिपि विद्वान पं. उदय शंकर दुबे और डॉ. संजीव शर्मा सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। संस्था की टेक्निकल टीम प्रयागराज में ही रहकर लगातार डिजिटलाइजेशन का कार्य करेगी। बताया कि काम पूरा होने के बाद उसकी कॉपी अकादमी को निशुल्क दी जाएगी। एक प्रति संस्था के पास भी संरक्षित रहेगी, ताकि शोध कार्य के लिए इसका उपयोग किया जा सके। इससे पहले संस्था बुलढाणा, महाराष्ट्र में हजारों पांडुलिपियों को डिजिटलाइज कर चुकी है।