लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निजीकरण को मिली हरी झंडी

वाराणसी। वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निजीकरण को हरी झंडी मिलने के बाद इसका असर यात्रियों की जेब पर सबसे अधिक पड़ेगा। वाराणसी एयरपोर्ट के निजीकरण होने से इसका दुष्प्रभाव ज्यादातर यात्रियों को ही उठाना पड़ेगा। निजीकरण के बाद अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुविधाओं में कमी होने की भी संभावना जताई जा रही है। बाबतपुर एयरपोर्ट का निजीकरण होने के बाद एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्रियों की जेब पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अभी तक जिन हवाईअड्डों का निजीकरण हुआ है उसको देखते हुए यह होना लाजमी है। यात्रियों को वाराणसी एयरपोर्ट से यात्रा करने में निजीकरण के बाद अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। निजीकरण होने से एयरपोर्ट के अलग-अलग दफ्तरों में जैसे कॉमर्शियल ऑफिस, एपीडी ऑफिस, एटीसी ऑफिस, सिविल ऑफिस में संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। वाराणसी एयरपोर्ट से इस समय दिन और रात मिलाकर कुल 32 विमानों का आवागमन हो रहा है और आठ से 10 हजार यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन हो रहा है। अभी एयरपोर्ट पर दो एयरोब्रिज हैं और दो एयरोब्रिज का निर्माण कार्य जारी है। विकास और विस्तारीकरण के दौर से गुजरने के बाद भी एयरपोर्ट निजी हाथों में देना कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है।

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