15 जुलाई से शुरू होगा एक क्रूज और दो रो-रो, मिलेगी लग्जरी सेवा

वाराणसी। उफनाती गंगा की लहरों के शांत होते ही काशी के घाटों से जल परिवहन के लिए एक साथ तीन जलपोत मझधार में उतर जाएंगे। दो मंजिला क्रूज और इंडियन वाटरवेज अथारिटी से मिले दोनों रो-रो (रोल ऑन रोल ऑफ पैसेंजर शिफ्ट) के टेंडर की आदि की प्रक्रिया पूरी कर संचालन करने वाली कंपनियों का चयन कर लिया गया है। 15 जुलाई से घाटों से यह सेवा शुरू हो सकती है। क्रूज में बैठकर पर्यटक काशी के सभी घाटों के आध्यात्म और धार्मिक इतिहास के बारे में ऑडियो वीडियो के जरिये जानकारी हासिल कर सकेंगे। वहीं, दुनिया भर से आने वाले सैलानी रो-रो से चुनार तक की सैर करेंगे। रो-रो सर्विस को प्रयागराज तक ले जाने की भी योजना है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बनारस को दो रो-रो दिए हैं। एक रो-रो का नाम विवेकानंद और दूसरे का सैम मानेकशॉ है। इसी तरह, प्रदेश सरकार ने दो मंजिला क्रूज वाराणसी के पर्यटन को गति देने के लिए मंगाया है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते लंबे समय से इन तीनों जलपोत के संचालन पर सहमति नहीं बन पा रही थी। मगर, कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ते ही प्रशासन ने क्रूज और रोरो की घाटों के एरियल व्यू के साथ बताएगा। काशी का आध्यात्म अस्सी घाट से शुरू होकर आदिकेशव घाट तक जाने वाले दो मंजिला क्रूज की डिजाइन को काशी के आध्यात्म को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। क्रूज के अंदर की साज सज्जा में काशी के धार्मिक और आध्यात्मिक नजारे के साथ ही यहां के धरोहरों का इतिहास भी दर्शाया गया है। साथ ही सैलानियों को जानकारी देने के लिए बड़ी स्क्रीन लगी है। इस पर ऑडियो वीडियो का संचालन होगा, जिसमें 84 घाटों के एरियल व्यू के साथ, घाटों के इतिहास, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी दिखाई जाएगी। यह 12 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से एक मीटर गहरे पानी में भी सुगमता से चल सकती है। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के लिए इसमें चार ऐसी लाइफ राफ्ट है, जो आपातकाल स्थिति में खुद ही नदी में जाकर खुल जाएंगे और एक फ्लोटिंग टेंट के आकार का बोट बन जायेगा। इसमें 20 यात्री के लिए लाइफ जैकेट और लाइफ बॉय ट्यूब का भी इंतजाम है।

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