हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी कसौली में मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा स्थापित करने के बाद चौक को नई पहचान मिली है। कसौली के इस चौक को लोग मेजर ध्यान सिंह के नाम से जानने लगे हैं। मेजर ध्यान सिंह की प्रतिमा को लगाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी और यहां आने वाले पर्यटक उनके बारे में जान सकें। कसौली में स्थापित इस चौक के कई रोचक किस्से हैं। जिन्हें लोग अभी तक याद करते हैं। वर्ष 2015 में कसौली के इस सामान्य चौक पर मेजर ध्यान सिंह की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव ब्रिगेडियर पीबीएस लांबा ने कसौली कैंट के सीईओ को सौंपा था। जिसके बाद यहां पर उत्तर भारत की पहली मेजर ध्यान सिंह की प्रतिमा को स्थापित किया गया। जानकारी के अनुसार ब्रिगेडियर पीबीएस लांबा व छावनी परिषद कसौली के तत्कालीन सीईओ वरुण कालिया ने कसौली चौक में ध्यानचंद की प्रतिमा को लगाकर ध्यानचंद चौक का नाम दिया था। कसौली के बाद यूपी के मेरठ में हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की प्रतिमा को लगाया गया था। बीते दो वर्षों से मेजर ध्यानचंद की याद में यहां खेल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। कसौली के वरिष्ठ नागरिक राजकुमार सिंगला ने बताया कि इस चौक पर पहले कुछ नहीं होता था। लेकिन कसौली में ब्रिगेडियर एचएस लांबा ने निर्णय लिया कि इस चौक पर किसी महान विभूति की प्रतिमा लगाई जाए। उन्होंने इस प्रस्ताव को छावनी परिषद कसौली के तत्कालीन सीईओ को भेजा। जिसके बाद इसे प्ररित किया गया और मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा लगाने की कवायद शुरू हुई। वरुण कालिया ने बताया कि कसौली पर्यटन क्षेत्र है और यहां पर बहुत कुछ देखने को लोगों को मिलता है। लेकिन अनुशासन और देश प्रेम की भावना का बेहतरीन परिचय मेजर ध्यान सिंह ने आर्मी में रहकर और खेल के माध्यम से दिया है।