वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अब हाजिरी दर्ज करने में किसी भी तरह का घालमेल नहीं हो सकेगा। विश्वविद्यालय में बायोमेट्रिक प्रणाली से हाजिरी दर्ज की जाएगी। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने नई व्यवस्था को जल्द ही विश्वविद्यालय में लागू करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय के अध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं को बायोमेट्रिक प्रणाली से अपनी हाजिरी दर्ज करवानी होगी। बुधवार को विश्वविद्यालय के सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में कुलपति प्रो. एके त्यागी की अध्यक्षता में विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष व निदेशकों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय मानकों के अनुसार विश्वविद्यालय में अध्यापकों को छह घंटे तथा प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों को आठ घंटे विश्वविद्यालय में कार्य करना अनिवार्य है। छात्र-छात्राओं के लिए भी परीक्षा में बैठने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है। नई व्यवस्था लागू होने से विश्वविद्यालय में अब हाजिरी दर्ज कराने में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। वहीं छात्र-छात्राओं को भी नियमित रूप से विश्वविद्यालय आकर ही अपनी हाजिरी दर्ज करवानी होगी। काशी विद्यापीठ में अगली कक्षाओं में दाखिले के लिए प्रवेश शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 17 सितंबर निर्धारित की गई है। कुलपति ने आदेश दिया है कि जिन पाठ्यक्रमों के परीक्षाफल घोषित हो चुके हैं और जिन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया गया है, वह सभी छात्र अगली कक्षाओं में प्रवेश के लिए 17 सितंबर तक शुल्क जमा कर सकते हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में संचालित पाठ्यक्रमों में शुल्क की असमानता को दूर करने के लिए समिति का गठन किया गया है। कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी के आदेश पर गठित यह समिति विश्वविद्यालय में छात्रों से लिए गए शुल्क में गड़बड़ियों की समस्या को दूर करेगी। समिति में वित्त अधिकारी प्रो. अजीत कुमार शुक्ल, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, संकायाध्यक्ष डॉ. बंशीधर पांडेय, सहायक कुलसचिव हरीशचंद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त समिति में दो सदस्य विशेष आमंत्रण पर भी नामित किए गए हैं। इसमें संकायाध्यक्ष प्रो. रंजन और जयशंकर प्रसाद हैं।