उत्तराखंड। राजधानी देहरादून में अब मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) खुद प्लॉटिंग करेगा और सस्ते दामों पर प्लॉट बेचेगा। बुधवार को हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। आवासीय परियोजनाओं में बिक्री के खराब अनुभव को देखते हुए प्राधिकरण ने इससे तौबा कर लिया है। इसमें करोड़ों रुपया फंसा हुआ है, जिसका हर महीने लाखों रुपये ब्याज चुकाना पड़ रहा है। इसकेे अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोर्ड ने मुहर लगाई। बुधवार को हुई बैठक में अधिकारियों ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग में प्राधिकरण ने करोड़ों रुपये लगाए हैं। आमवाला तरला में करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुुका है। इस पर बोर्ड ने पहले परियोजना को बेचने का फैसला लिया। इसको बेचने के बाद जो रकम आएगी, उससे शेष 10 फीसदी काम किए जाएंगे। प्राधिकरण के लिए गले की हड्डी बनी आवासीय परियोजनाओं के निपटारे के लिए समिति का गठन किया गया है। कमेटी बोर्ड में अपना प्रस्ताव देगी, जहां से मंजूरी के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा। बोर्ड ने पूरी परियोजना को एकमुश्त बेचने, नीलामी करने, थर्ड पार्टी को बेचने के प्रस्तावों पर भी चर्चा की। बोर्ड ने कहा कि करोड़ों रुपये लगाने के बावजूद प्राधिकरण की आवासीय योजना नहीं बिक रही है। बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग के बजाय सस्ते दामों पर प्लॉटिंग करने का फैसला लिया है। इन प्लॉटों का आवंटन किस तरह किया जाएगा, इसकी योजना बाद में अलग से तैयार की जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण अपनी जमीनों को विकसित करेगा। इसके अलावा प्राइवेट जमीनों को खरीदकर या अधिग्रहण कर उन पर प्लॉटिंग की जाएगी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष बृजेश कुमार संत ने कहा कि अभी जमीनों की खरीद-फरोख्त में आए दिन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, कई जगह अनाधिकृत प्लॉटिंग में भी लोगों का पैसा फंस रहा है। प्राधिकरण में इस तरह की गड़बड़ियां नहीं होंगी। इस मौके पर गढ़वाल कमिश्नर व एमडीडीए अध्यक्ष रविनाथ रमन, उपाध्यक्ष बृजेश कुमार संत, अपर सचिव वित्त नमिता जोशी, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक शशिमोहन श्रीवास्तव, एडीएम गिरीश गुणवंत, अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।