जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में अब नशा मुक्ति की लड़ाई यूथ क्लब भी लड़ेंगे। प्रदेश के सभी पंचायतों तथा शहरी क्षेत्रों के वार्डों में गठित यूथ क्लब इसमें अहम योगदान देंगे। यह घोषणा उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के एसकेआईसीसी में नशा मुक्त भारत अभियान पुरस्कार समारोह को वर्चुअल संबोधित करते हुए की। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि फर्जी तरीके से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सख्ती होगी। उन्होंने जम्मू और कश्मीर दोनों ही संभाग में ऐसे केंद्रों को चिह्नित करने और उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश देते हुए नारको टेररिज्म को कड़ा जवाब देने का आह्वान किया। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आज कुछ स्वार्थी तत्व युवाओं को इस जाल में फंसाने के लिए धकेल रहे हैं। सभी को इस दलदल में फंसे हुए युवाओं को निकालकर मुख्यधारा में शामिल करने के लिए एकसाथ आना होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन लाख युवा, 2.7 लाख महिलाएं तथा 500 से अधिक शैक्षिक संस्थाएं सरकार के नशा मुक्ति अभियान को बल प्रदान कर रहे हैं, जो प्रदेश के 10 जिलों में चल रहा है। अब प्रदेश की सभी पंचायतों तथा शहरी क्षेत्रों के वार्डों में गठित यूथ क्लब नशामुक्ति की लड़ाई में भी अहम योगदान देंगे। कहा कि नशे की लत आज हमारे समाज में गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में सामने आई है। यह हमारे सामाजिक ताने बाने को तहस नहस करने के साथ ही मानवता के लिए भी खतरा है। केंद्र शासित प्रदेश योजनाओं, सुधार व पुनर्वास रणनीति के जरिये समाज से नशे की लत को समाप्त करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश युवाओं के प्रतिभाओं को और धार देने के लिए प्रतिबद्ध है। वह उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। क्योंकि युवा विकास व प्रगति की प्रक्रिया के मुख्य चालक हैं। उन्होंने आह्वान किया कि युवा बढ़कर प्रगति प्रक्रिया का हिस्सा बनें और दूसरे किए रोल मॉडल के रूप में उभरें।