राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि पुण्य क्षेत्र में रहकर ज्यादा से ज्यादा पुण्य उपार्जन कर लो। वहां जितना हो सके नाम जप लो, कथा सुन लो, पूजन कर लो, उसका आपको हजारों गुना फल मिलेगा। लेकिन अणु मात्र भी किया हुआ पाप बिना भोगे नहीं कटेगा। बाहर किया हुआ पाप तीर्थ में जाकर नष्ट हो जाता है और तीर्थ में किया हुआ पाप-” वज्रलेपो भविष्यति ” जो बिना भोगे नहीं कटता।
काशी में पैदा होने वाले चर, अचर प्राणी तो क्या सब पशु-पौधे भी मुक्त हो जाते हैं। जिस व्यक्ति को पाप से बचना है, मुक्त होना है, भजन नहीं कर पाया, वह काशी में बस कर ले, उसकी मुक्ति हो जायेगी। काशी में मरने वाला व्यक्ति दोबारा मां की गोद में नहीं आता। तीर्थों में बास करना चाहिए। वहां पर श्राद्ध करो, तीर्थों में बैठकर दान करो, जप करो। कम-से-कम एक हजार बार गायत्री का जप कर लो, उसके ज्ञात-अज्ञात सभी पाप नष्ट हो जायेंगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)