मनुष्य को अपने कर्मो के अनुसार ही मिलता है फल: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, गोपियों ने मथुरा वापस जाते हुए उद्धव जी को संदेश दिया गोपियों ने कहा कि हमारा एक ही संदेश है हमारी तरफ से श्रीकृष्ण को प्रार्थना कर देना- हम सबकी यही इच्छा है। कर्मभिर्भ्राम्यमाणानां यत्र क्वापीश्वरेचछया। मंगलाचरितैर्दानै रतिर्नः कृष्ण ईश्वरे।। हमने अपने जीवन में जो कर्म किये हैं, उसका फल हमें भोगना चाहिये। हम कृष्ण से यह नहीं कहती कि हमारे पाप काट देना। हमने जो किया है उसका फल हमें भोगने देना। हमें कूकर-सूकर, कीट-पतंग कुछ भी बना देना लेकिन साथ में इतनी प्रार्थना कर देना कि कर्मानुसार शरीर चाहे जैसा भी मिले पर भिक्षा गोपियों की झोली में डाल देना कि- जैसी प्रीति इस समय है, ऐसी ही प्रीत जन्म-जन्मांतर बनी रहे। कुछ भी बने हम लेकिन प्रीति हमारी बनी रहे। गोपियों का प्रेम उच्च कोटि का भगवत प्रेम है। सामान्य व्यक्ति इस भाव दशा को नहीं समझ सकता। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना- श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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