नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी गैस लिमिटेड की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें गुजरात के अहमदाबाद जिले के तीन क्षेत्रों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क के संचालन की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने अदाणी गैस लिमिटेड (एजीएल) को विवादित क्षेत्रों से अलग रखने के निर्णय को तथ्यों और परिस्थितियों में उचित करार दिया है। साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम केंद्र सरकार के खाते में जमा करने का आदेश दिया गया है। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय पीठ ने गुजरात गैस को दी गई अथॉरिटी को बरकरार रखा है। पीठ ने माना कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के नियम न तो मनमाने हैं और न ही संविधान के विपरीत हैं। दरअसल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड अधिनियम, 2006 (पीएनजीआरबी अधिनियम) के तहत, एक शहर या स्थानीय प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्र्क (सीजीडी नेटवर्क) संचालित करने के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड से अनुमति आवश्यकता होती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने गुजरात में अहमदाबाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सिटी गैस नेटवर्क के संचालन के लिए एजीएल को अथॉरिटी देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद एजीएल ने गुजरात हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर पीएनजीआरबी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और प्रतिद्वंद्वी गुजरात गैस के चयन को चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने 2018 में एजीएल की याचिका खारिज कर दी थी। बाद में एजीएल ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।