नई दिल्ली। पीएम मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड शुरू हो चुका। उन्होने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों को संबोधित किया। ‘मन की बात’ का यह 100वां एपिसोड काफी ऐतिहासिक रहा, जिसकी देशभर में विशेष स्क्रीनिंग से लेकर अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का, सकारात्मकता का, एक अनोखा पर्व बन गया है। यह एक ऐसा पर्व जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। हम इसमें पॉजिटिविटी को सेलिब्रेट करते हैं। हम इसमें जन भागीदारी को भी सेलिब्रेट करते हैं।’
पीएम मोदी ने अपने ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में देशावासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात हो, स्वच्छ भारत आंदोलन हो, खादी के प्रति प्रेम हो या प्रकृति की बात, आजादी का अमृत महोत्सव हो या फिर अमृत सरोवर की बात। वहीं उन्होने कहा कि ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा, वो जन-आंदोलन बन गया, और आप लोगों ने बना दिया।’ ‘मन की बात’ जो बन गई देश की आवाज! जैसे लोग, ईश्वर की पूजा करने जाते हैं, तो प्रसाद की थाल लाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात ने मुझे कभी आपसे दूर नहीं होने दिया। मुझे याद है जब मैं गुजरात का सीएम था, तब वहां आम जनता से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने देखा कि यहाँ का जीवन तो बहुत ही अलग है। पचासों वर्ष पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से मिलना-जुलना ही मुश्किल हो जायेगा। वहीं उन्होने कहा कि जो देशवासी मेरा सब कुछ है, मैं उनसे ही कट करके जी नहीं सकता था।’
पीएम मोदी ने इस मन की बात के इस 100वें एपिसोड में अपने मार्गदर्शक को याद किया और कहा कि ‘साथियो, ‘मन की बात’ मेरे लिए तो दूसरों के गुणों की पूजा करने की तरह ही रहा है। मेरे एक मार्गदर्शक थे- श्री लक्ष्मणराव जी ईनामदार। वो हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए।’