नई दिल्ली। एमपी बिड़ला प्लैनेटेरियम के डॉयरेक्टर ऑफ रिसर्च देवीप्रसाद दुआरी ने बताया कि इस दुर्लभ चंद्र ग्रहण को अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ इलाकों से देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इस आंशिक चंद्र ग्रहण की शुरुआत 12.48 बजे (पीएम) होगी और यह 4.17 बजे (पीएम) समाप्त होगा। दुआरी ने कहा कि इसकी अवधि तीन घंटे 28 मिनट 24 सेकंड रहेगी, जो इसे 580 साल में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण बनाता है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों में चंद्रोदय के ठीक बाद आंशिक ग्रहण के अंतिम क्षणों का अनुभव होगा, जो पूर्वी क्षितिज के बहुत करीब रहेगा। उन्होंने कहा कि यह चंद्र ग्रहण 2.34 बजे अपने चरम पर होगा जब चंद्रमा का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका होगा। दुआरी ने कहा कि पिछली बार इस अवधि का आंशिक चंद्र ग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था। वहीं इस अवधि का अगला ग्रहण आठ फरवरी 2669 को देखा जा सकेगा। दुआरी ने बताया कि उपच्छाया ग्रहण की शुरुआत 11.32 बजे (एएम) पर होगी और यह 5.33 बजे (पीएम) समाप्त होगा। उपच्छाया ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में नहीं होते हैं। इसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से थोड़े समय के लिए देखा जा सकेगा। इस दौरान चंद्रमा रक्तिम लाल रंग का दिख सकता है जो कि तब होता है जब सूर्य की किरणें पृथ्वी के वातावरण से होकर जाती हैं और चंद्रमा की सतह पर कम से कम विक्षेपित होकर गिरती हैं। भारत के अलावा इसे उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र से देखा जा सकेगा। दुआरी ने बताया कि पिछला चंद्र ग्रहण 27 जुलाई 2018 को पड़ा था। वहीं, अगला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को पड़ेगा लेकिन भारत में नहीं दिखेगा।भारत में जो अगला चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा वह आठ नवंबर 2022 को पड़ेगा। इस साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ और कृतिका नक्षत्र में लगेगा।