उत्तराखंड। विश्वभर के खगोल विज्ञानी मंगलवार को बहुत सतर्क रहने वाले हैं। वजह है बहुत अधिक रफ्तार से एक बेहद विशाल एस्टेरॉइड के पृथ्वी की देहरी तक आ जाने की दुर्लभ घटना। भारतीय समय के अनुसार मंगलवार की रात करीब 3:21 बजे कुतुबमीनार से 11 गुना बड़ा एक किमी (3280 फुट) लंबा एस्टेरॉइड करीब 20 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी से 19 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। इस एस्टेरोइड का नाम (7482) 1994 पीसी-1 है।
अंतरिक्ष के हिसाब से यह दूरी बहुत ही कम है और आमतौर पर एस्टेरॉइड इससे कई गुना ज्यादा दूरी से ही गुजर जाते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसके विशाल आकार और गति को देखते हुए इसे संभावित खतरनाक एस्टेरॉइड की श्रेणी में रखा है। इस एस्टेरॉइड की खोज ऑस्ट्रेलिया की वेधशाला से 1994 में खगोलविद रॉबर्ट मैकनॉट ने की थी।
नैनीताल स्थित आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वैज्ञानिक शशि भूषण पांडेय के अनुसार यह एस्टेरॉइड अपेक्षाकृत बहुत बड़ा है। आम तौर पर एस्टेरॉइड का आकार फुट में होता है, जबकि इसका आकार एक किमी का है। अगली बार यह 30 वर्ष बाद पृथ्वी के इतने निकट आएगा।