नृसिंह मंदिर में विराजमान हुई आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी
उत्तराखंड। आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सोमवार को नृसिंह मंदिर में विराजमान हो गई। इस दौरान मंदिर में पहुंचे तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान नृसिंह के दर्शन कर मनौतियां मांगीं। 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद कुबेर जी और उद्धव जी की उत्सव डोली के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर लाया गया। कुबेर जी और उद्धव जी की मूर्तियों को पांडुकेश्वर में स्थापित कर दिया गया, जबकि सोमवार को सुबह 10 बजे योग ध्यान बदरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल व अन्य वेदपाठियों के नेतृत्व में गद्दी को जोशीमठ नृसिंह मंदिर लाया गया। यहां मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी का फूल-मालाओं से स्वागत किया। रावल ने नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, नृसिंह मंदिर के पुजारी संजय डिमरी, सुनील तिवारी, राजेंद्र चौहान, भूपेंद्र रावत, बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, अजय सती, स्वामी मुकुंदानंद जी महाराज और भगवती प्रसाद नंबूरी आदि मौजूद थे।