नई दिल्ली। सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट की डिमांड भारत सहित दुनियभार में तेजी से बढ़ रही है। इस मामले में एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी सबसे आगे है। स्टारलिंक कंपनी भारत में भी अपनी सर्विस शुरू करना चाहती है, लेकिन फिलहाल कंपनी को सरकारी इजाजत का इंतजार है। इसी बीच भारती एयरटेल कंपनी एलन मस्क की टक्कर में उतर आयी है। भारती एयरटेल ने ह्यूजेज कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटे (HCIPL) के साथ मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर बनाया है, जिससे भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध करायी जाएगी।
इस मामले की जानकारी कंपनी ने बुधवार को दी। दोनों कंपनियां VSAT ऑपरेशन के जरिए बिजनेस और सरकारी कस्टमर को सैटेलाइट और हाइब्रिड नेटवर्क उपलब्ध कराएंगी, जिसका ऐलान 2019 में हुआ था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NClT) और डिपॉर्टेमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) की तरफ से सभी तरह की मंजूरी भी मिल गई है। गौरतलब है कि HCIPL भारत का सबसे बड़ा सैटेलाइट सर्विस ऑपरेटर है, जिसके पास लगभग 2 लाख से ज्यादा VSAT मौजूद हैं।
HCPIL की तरफ से नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी, सॉल्यूशन एंड सर्विस को ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराया जाता है जिसमें सरकारी ऑफिस, बैंकिंग, एयरोनॉटिक्स और maritime मोबिलिटी के साथ ही मीडियम साइज बिजनेस, एजूकेशन और टेलिकॉम बैकअप आदि शामिल हैं। सैटेलाइट इंटरनेट दूरदराज के इलाकों में वायरलेस तरीके से हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी देता है। सैटेलाइट इंटरनेट में वायर से नहीं बल्कि लेजर बीम का इस्तेमाल कर डाटा ट्रांसफर करता है। इसके लिए लोअर आर्बटि सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाता है।