All India Official Languages Festival: हिंदी दिवस के अवसर पर गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 5वां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया और देशभर से आए राजभाषा और भारतीय भाषाओं के विद्वानों का स्वागत किया.
समारोह को अलग-अलग हिस्सों में आयोजित करने की परंपरा
इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन मेरे लिए विशेष अवसर है, क्योंकि पूरे देश से राजभाषा और भारतीय भाषा के उत्साही लोग एकत्रित हुए हैं. यह मेरा संसदीय क्षेत्र भी है और मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं. उन्होंने बताया कि यह समारोह पहले हमेशा दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों से इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित करने की परंपरा शुरू की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ने कहा कि 2021 के बाद 5वां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन दिल्ली के बाहर हो रहा है. पिछले चार सम्मेलनों के अपने अनुभव से हम जानते हैं कि यह नए दृष्टिकोण, ऊर्जा और प्रेरणा लेकर आता है. इस बदलाव से हमें राजभाषा और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संवादिता और आदान-प्रदान का शानदार अवसर मिला है.
हिंदी को अपनाने और आगे बढ़ाने की परंपरा
उन्होंने गुजरात की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भले ही यह हिंदी भाषी राज्य नहीं है, लेकिन यहां हिंदी को हमेशा से अपनाने और आगे बढ़ाने की परंपरा रही है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसी महान विभूतियों ने न केवल हिंदी को स्वीकार किया, बल्कि इसके प्रचार-प्रसार में भी अग्रणी भूमिका निभाई.
गृह मंत्रालय में भी चलेगी हिंदी
उन्होंने कहा कि जब सारा कामकाज जनता की भाषा में होता है तो जनता के साथ संपर्क अपने आप बढ़ जाता है. सारथी एक अनुवाद की प्रणाली है. यह हिंदी से भारत की सभी भाषाओं में सरलता से अनुवाद करने की व्यवस्था है. मैं गर्व के साथ देशभर की सभी सरकारों को कहना चाहता हूं कि आप अपनी भाषा में हमें पत्र दीजिए और गृह मंत्रालय आपकी ही भाषा में जवाब देगा, हम यह व्यवस्था कर चुके हैं. आने वाले दिनों में हम इसे और समृद्ध करेंगे.
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