नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा आर्मी लॉजिस्टिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भाग लिया। इस कॉन्फ्रेंस में सेना को आधुनिक बनाने से लेकर युद्ध के प्रभाव पर चर्चा हुई। इस दौरान सेना प्रमुख ने अपना संबोधन भी दिया।
उन्होंने युद्ध पर चर्चा करते हुए कहा कि, युद्ध केवल सेनाओं के बीच नहीं होते हैं बल्कि इसमें पूरे देश का प्रयास शामिल होता है। युद्ध राष्ट्रीय लचीलापन का परीक्षण करते हैं और देश के संसाधनों और क्षमताओं को बढ़ाते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष इसका एक उपयुक्त उदाहरण है।
सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध में अगर कोई देश पिछड़ता है तो उसके पीछे रसद आपूर्ति की कमी भी एक बड़ी वजह होती है। सैन्य अभियानों की गति, तीव्रता और पहुंच बनाने के लिए पर्याप्त रसद आपूर्ति बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रसद आपूर्ति की निगरानी बहुत जरूरी है।सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि कुशल संयुक्त सैन्य-नागरिक संरचनाओं को लागू करने में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और हाल ही में चीन द्वारा उठाए गए त्वरित कदम इस मुद्दे से जुड़ी तात्कालिकता को रेखांकित करते हैं।
देश के लिए सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली:-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में दुनिया इस तरह जुड़ी है जैसा पहले कभी नही था। इसमें भी रसद और आपूर्ति श्रृंखला की बड़ी भूमिका है। हम दुनिया के एक हिस्से में बैठकर दूसरे हिस्से की जानकारी प्राप्त करने के साथ कोई सामान भी मंगवा सकते हैं। किसी देश की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित और त्वरित रसद आपूर्ति प्रणाली एक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता होती है। आज हमारा देश दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
उन्होने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में देश में रसद को एकीकृत करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण नीतियां तैयार की हैं।