नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली सरकार ने निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर रोक लगा दी है। हालांकि प्लम्बिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, इलेक्ट्रिक और कारपेंटर जैसे कार्यों की अनुमति रहेगी। वहीं गतिविधियों पर रोक लगने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को दिल्ली सरकार पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इस संबंध में श्रम विभाग रूपरेखा तैयार कर रहा है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष बस सेवा शुरू की जाएगी। दफ्तर से करीब वाले आईटीओ और इंद्रप्रस्थ जैसे मेट्रो स्टेशनों से शटल बस सेवा भी शुरू होगी। उखड़े होकर सफर की अनुमति मिलने के बाद मेट्रो और बसों की यात्री क्षमता में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं लोगों से अपील है कि सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें, ताकि प्रदूषण नियंत्रित करने में मदद मिले। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए दिल्ली में सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर रोक लगाई जा रही है। दिल्ली में विकास कार्य भी जरूरी है। अगर प्रदूषण स्तर में सुधार होता है तो इन्हें खोला जाएगा। सरकार हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। अगर पहले से प्रदूषण की स्थिति खराब होती है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में करीब एक सप्ताह तक निर्माण कार्य बंद था। इससे निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को काफी दिक्कतें हो रही थी। दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को दिल्ली सरकार पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी देगी। इसके लिए श्रम विभाग के साथ मिलकर इसके लिए रूपरेखा तैयार हो रही है। दिल्ली की सभी सरकारी एजेंसियां पीडब्ल्यूडी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, सभी एमसीडी और डीएसआईआईडीसी, सीपीडब्ल्यूडी आदि को कोर्ट के आदेश की तत्काल प्रभाव से सूचना दे दी गई है। साथ ही निजी निर्माण एजेंसियों तक यह सूचना पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से गठित सभी टीमों को निर्देशित किया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि गुलाबी बाग कालोनी व तिमारपुर सहित अन्य सरकारी कर्मचारी वाली कॉलोनियों में निजी सीएनजी बसों को लगाया जाएगा। इसके अलावा जिन कालोनियों में सरकारी कर्मचारी रहते हैं, वहां से सीधे उनके दफ्तरों तक के लिए बस सेवा शुरू होगी। वायु प्रदूषण की वजह से निर्माण गतिविधि पर लगी रोक को देखते हुए मजदूरों के खाते में पांच हजार रूपये की सहायता राशि जमा करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही सरकार की ओर से मजदूरों को उनकी न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से भी मुआवजा राशि दी जाएगी।