योग। कई अध्ययनों में यह बात स्पष्ट हुई है कि, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मन का शांत और खुश रहना बहुत आवश्यक है। खुशी महसूस कराने और नकारात्मक विचारों को दूर करने में सेरोटोनिन और डोपामाइन, दो हार्मोंन्स का बड़ा योगदान होता है। इनमें होने वाले असंतुलन के कारण तनाव-चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसका असर आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
अध्ययनों में साबित हुआ है कि, योग-व्यायाम शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। सेरोटोनिन और डोपामाइन, न्यूरोट्रांसमीटर हैं जो मूड को नियंत्रित करने और आपको अच्छा महसूस कराने में सहायक माने जाते हैं।
शरीर में डोपामाइन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ने से खुशी बढ़ती है और व्यक्ति का मूड भी ठीक रहता है। ऐसे कई योगासन हैं जो इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। योग न सिर्फ आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक हैं, साथ ही कई तरह की शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याओं में भी योगासनों का नियमित अभ्यास आपके लिए मददगार हो सकता है। आइए जानते हैं ऐसे योगासनों के बारे में-
अधोमुख-शवासन:-
मूड को बेहतर बनाए रखने से लेकर नकारात्मक विचारों को दूर करने तक के लिए अधोमुख-शवासन योग का अभ्यास आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इस योग के अभ्यास से पूरे शरीर, विशेषकर मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जो आपको ऊर्जावान महसूस कराता है। शरीर में ऊर्जा का स्तर बेहतर रहने से मूड ठीक रहता है और आप खुश महसूस करते हैं।
यह नसों के लिए भी एक बेहतरीन मुद्रा है। यदि आप तनावग्रस्त रहते हैं तो इस योग के अभ्यास की आदत आपके लिए काफी लाभदायक हो सकती है।
भुजंगासन योग:-
भुजंगासन योग या कोबरा पोज़, को हृदय की मांसपेशियों को खोलने वाले योगासनों में एक माना जाता है। थकान को कम करने और तनाव से राहत देकर आपके मूड को अच्छा बनाए रखने के लिए इस योग का अभ्यास बेहद फायदेमंद माना जाता है। कोबरा पोज फेफड़ों की अच्छी स्ट्रेचिंग करता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे मस्तिष्क को पोषण मिलता है।
मेडिटेशन या ध्यान योग:-
मस्तिष्क के किसी भी समस्या से राहत दिलाने में मेडिटेशन के अभ्यास की आदत को सबसे कारगर माना जाता है। मेडिटेशन मन की एकाग्रता और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है, जिससे आपकी ओवरथिंकिंग कम होती है। मूड को खुश बनाए रखने में भी ध्यान योग का अभ्यास करना आपके लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। शुरुआत में ध्यान लगाना थोड़ा कठिन होता है पर समय के साथ इसमें सुधार आता रहता है।