लंदन। किंग चार्ल्स तृतीय का ब्रिटेन के महाराजा के रूप में आज शाम राज्याभिषेक किया गया। चार्ल्स तृतीय पिछले सितंबर में अपनी मां क्वीन एलिजाबेथ की मृत्यु के बाद ब्रिटेन के महाराजा की पदवी स्वीकार की थी। इसके बाद आज यानी 6 मई को औपराचिक रूप से उनका राज्याभिषेक करते हुए कैंटरबरी के आर्चबिशप जस्टिन वेल्बी ने इस दौरान किंग चार्ल्स तृतीय को राजमुकुट पहनाया, जो इंग्लैंड के महाराज की शक्ति का प्रतीक है। इस तरह 74 वर्ष किंग चार्ल्स ब्रिटेन के सिंहासन पर बैठने वाले सबसे बुजुर्ग ब्रिटिश सम्राट बन गए।
वेस्टमिंस्टर एबे 1066 में ‘विलियम द कॉन्करर’ के बाद से हर ब्रिटिश राज्याभिषेक का स्थान रहा है और महाराज चार्ल्स तृतीय तथा उनकी पत्नी महारानी कैमिला ने इसी भव्य परंपरा का पालन किया। इस दौरान हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के धार्मिक नेता एवं प्रतिनिधि भी एबे मौजूद रहें।
वहीं इस मौके पर वेस्टमिंस्टर एबे में संगीतमय माहौल के बीच दुनिया के कोने-कोने से कई मेहमान भी पहुंचे। एबे के बाहर कतारबद्ध खड़े सेना के जवानों शाही परिवार के सदस्यों और विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया गया।
पत्नी क्वीन कैमिला की भी हुई ताजपोशी
किंग चार्ल्स तृतीय के बाद उनकी पत्नी कैमिला को वेस्टमिंस्टर एबे में क्वीन के रूप में ताज पहनाया गया।
ब्रिटेन के पीएम सुनक ने बाइबिल पाठ किया
कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा की गई प्रार्थना के बाद ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने निर्धारित परंपरा के मुताबिक ‘कुलुस्सियों की बाइबिल’ पुस्तक से संदेश पढ़ा। सुनक भारतीय विरासत के ब्रिटेन के पहले पीएम और एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं। बाइबिल संबंधी संदेश के साथ उनके संबोधन से छह मई को वेस्टमिंस्टर एब्बे में ईसाई समारोह के लिए बहु-धार्मिक विषय की गूंज सुनाई दी।