Defence: गृह मंत्रालय ने सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी को अगले आदेश तक सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. मंत्रालय ने यह फैसला बीएसएफ डीजी नितिन अग्रवार को उनके राज्य कैडर में वापस भेजे जाने के बाद उठाया है.
बता दें कि 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह ने इस साल जनवरी में एसएसबी महानिदेशक के तौर पर पदभार संभाला था. केंद्र सरकार ने 19 जनवरी को उन्हें एसएसबी का महानिदेशक नियुक्त किया था. वहीं, एसएसबी महानिदेश नियुक्त होने से पहले वह सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक पद पर तैनात थे.
केंद्र सरकार ने नितिन अग्रवार को तत्काल प्रभाव से हटाया
दरअसल, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी विशेष डीजी (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दोनों के मूल राज्य कैडर में वापस भेज दिया गया है.
नितिन अग्रवाल ने जून 2023 में सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख का कार्यभार संभाला था. वहीं, विशेष डीजी (पश्चिम) के रूप में खुरानिया पाकिस्तान सीमा पर बल का नेतृत्व कर रहे थे. नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति ने अलग-अलग जारी आदेशों में कहा कि उन्हें ‘तत्काल प्रभाव से और समय से पहले’ वापस भेजा जा रहा है. करीब 2.65 लाख कर्मियों वाले सुरक्षा बल बीएसएफ पर पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ लगने वाली भारतीय सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
बीएसएफ ने घुसपैठ से किया इंकार
बता दें कि आईपीएस के दो अफसरों को वापस राज्य कैडर में भेजने का फैसला उस वक्त लिया गया है जब बीएसएफ के नियंत्रण वाली भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि हुई है. इस साल ही राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिले में 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 11 सुरक्षाबलों के जवान हैं, ऐेसे में पर सुरक्षा के लिए तैनात बीएसएफ ने घुसपैठ की किसी भी घटना से इनकार किया है.
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