नई दिल्ली। बीते 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर की हवा बिगड़कर खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। पंजाब में सीजन की सबसे अधिक पराली जलने के बावजूद हवा गंभीर नहीं हुई। विशेषज्ञों के अनुसार इसके लिए अनुकूल मौसमी दशाएं जिम्मेदार है। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों तक मौसमी दशाओं में खास बदलाव न होने की वजह से हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी।
वायु मानक संस्था सफर इंडिया के निदेशक डॉ. गुरफान बेग ने बताया कि शुक्रवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने के बाद भी पराली के धुएं की दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में कम हिस्सेदारी रही है। इसकी प्रमुख वजह सतही हवाओं के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की तेज रफ्तार रही। इस वजह से हवा के साथ आने वाले प्रदूषक सिर्फ दिल्ली-एनसीआर तक नहीं रूके, बल्कि आगे निकलते हुए मध्य भारत तक पहुंचे और फैल गए। इस वजह से किसी एक स्थान पर पराली का धुआं जमा नहीं हो सका।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का एक्यूआई 346 के साथ बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। वहीं, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम की हवा भी बेहद खराब रही। नोएडा और गाजियाबाद की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है।
पराली के धुएं की रही 19 फीसदी हिस्सेदारी:-
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार, पंजाब में बीते 24 घंटे में 3916 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं, जो कि सबसे अधिक है। हरियाणा में 152, उत्तर प्रदेश में 36, मध्यप्रदेश में 482 और राजस्थान में 95 जगहों पर पराली जलाई गई। सफर के मुताबिक, पराली जलने की वजह से पीएम 2.5 में 19 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है। वहीं, 2.5 माइक्रोमीटर से बड़े कणों की पीएम 10 में 59 फीसदी हिस्सेदारी रही। पीएम 10 का स्तर 323 और पीएम 2.5 का स्तर 199 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई:-
दिल्ली- 346
फरीदाबाद- 304
गाजियाबाद- 285
ग्रेटर नोएडा- 311
गुरुग्राम- 353
नोएडा- 286