नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने डीजल वाहन सेगमेंट से दूर रहने का फैसला किया है। इसके बजाय कंपनी अपने पेट्रोल वाहनों को ज्यादा ईंधन कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। नए K10-C इंजन के साथ कंपनी की नई लॉन्च 2021 Celerio मिड-हैचबैक कार को देश की सबसे अधिक ईंधन कुशल पेट्रोल कार होने का दावा किया गया है। नई 2021 मारुति सेलेरियो 26.68 किलोमीटर प्रति लीटर के माइलेज के साथ आती है। डीजल से दूर रहने की बताई वजह:- कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने कहा कि साल 2023 में उत्सर्जन मानदंडों के अगले चरण की शुरुआत के बाद डीजल वाहनों की बिक्री में और कमी आएगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल कारों की ओर धीरे-धीरे शिफ्टिंग हुई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में, हम डीजल क्षेत्र में भाग नहीं लेंगे। डीजल से चलने वाली कारों से दूर रहने के अहम कारण के रूप में आनेवाले कड़े उत्सर्जन मानदंडों का हवाला दिया गया है। रमन ने कहा कि 2023 में, उत्सर्जन मानदंडों का नया चरण आएगा, जिससे लागत बढ़ने की संभावना है। इसलिए हम मानते हैं कि डीजल वाहनों के प्रतिशत में और कमी आ सकती है। उन्होंने आगे कहा कि मारुति का डीजल स्पेस में भाग लेने का कोई इरादा नहीं है। डीजल वाहनों की बिक्री घटी:- उद्योग के अनुमानों के अनुसार देश में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी वर्तमान में कुल यात्री वाहन (पैसेंजर व्हीकल) की बिक्री के 17 प्रतिशत से भी कम है। यह 2013-14 की अवधि की तुलना में भारी गिरावट है, जब डीजल कारें वाहनों की कुल बिक्री का 60 प्रतिशत हिस्सा हुआ करता था। एक अप्रैल 2020 से बीएस 6 उत्सर्जन मानदंडों के लागू होने के बाद से, मारुति जैसे कई वाहन निर्माताओं ने अपने संबंधित पोर्टफोलियो के डीजल ट्रिम्स को अपडेट नहीं किया और बंद कर दिया। इंजन में करेगी सुधार:- अपने पोर्टफोलियो में, मारुति बीएस-6 मानक वाले 1.0-लीटर, 1.2-लीटर और 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन देती है और अपने सात मॉडलों में सीएनजी ट्रिम का ऑप्शन भी देती है। कंपनी का लक्ष्य ईंधन दक्षता के मामले में अपनी इंटरनल कंब्शन इंजन टेक्नोलॉजी में और सुधार करना है। और भविष्य में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने के लिए इंजनों को और विकसित करने पर भी विचार कर सकती है।