नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच विश्व हिंदू परिषद ने चुनाव आयोग से चुनावों में जातिवाद पर लगाम लगाने की मांग की है। विहिप ने कहा कि जिस तरह आयोग ने धनबल व बाहुबल के साथ सांप्रदायिक बयानों पर रोक लगाई है। उसी प्रकार वह जातिवादी बयानों को भी रोके। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इससे न सिर्फ चुनाव में क्षेत्र के समग्र विकास के मुद्दे हाशिए पर चले जाते हैं बल्कि इससे राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण को भी बढ़ावा मिलता है।
जातिवादी सियासत के माध्यम से समाज में जहर भी घोला जा रहा है। इसका सबसे बुरा असर हिंदू समाज पर पड़ा है। वोट बैंक के लिए हिंदू समाज को जातियों में बांटने से वैमनस्य बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि देश में विघटनकारी और देशद्रोही शक्तियों को बल मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय शक्तियां भी देश को कमजोर करने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं। इसके चलते मतांतरण की साजिश भी बढ़ी है। इस पर रोक लगाने से काफी हद तक चुनावों को विकास आधारित बनाया जा सकेगा।