हिमाचल प्रदेश। प्रदेश अब बिजली बोर्ड उपभोक्ताओं को लगातार दो माह औसत बिल नहीं दे सकेगा। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2009 संशोधित कर दिया है। राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना जारी की गई। नई व्यवस्था के तहत शहरी क्षेत्रों में 5000 और ग्रामीण क्षेत्रों में 7000 से अधिक राशि के बिजली बिल ऑनलाइन या चेक से ही जमा होंगे। प्री-पेड मीटरों का हर तीन माह में निरीक्षण होगा। राज्य विद्युत नियामक आयोग की जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल घरों या अन्य संस्थानों में हाथ में जाकर नहीं दिए जाते हैं तो एसएमएस व ई-मेल से बिल की जानकारी देनी होगी।
हिमाचल प्रदेश में अब बंद घरों में मीटर रेंट से अधिक बिजली बिल नहीं आएंगे। अन्य राज्यों में रह रहे भवन मालिकों और सर्दियों के दौरान गांवों में जाने वाले उपभोक्ताओं को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बड़ी राहत दी है। निर्धारित अवधि में बिजली कनेक्शन नहीं देने पर अफसरों पर प्रतिदिन एक हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है। अभी घरेलू कनेक्शन देने में देरी करने पर प्रतिदिन 50 रुपये और अन्य श्रेणी के कनेक्शनों पर प्रतिदिन 400 रुपये जुर्माना संबंधित अफसरों पर लगाया जाता है। आयोग जुर्माना राशि को बढ़ाने की तैयारी में है।