उत्तराखंड। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रदेश के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उप केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी और सिफलस रोग की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में संभावित गर्भवती महिलाओं की संख्या के आधार पर दो लाख जांच किट खरीद कर स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराई हैं। बुधवार को एनएचएम और राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की ओर से राज्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच और सिफलस रोग की स्क्रीनिंग के लिए डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें प्रत्येक जिले से दो डॉक्टरों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनएचएम निदेशक डॉ.सरोज नैथानी ने बताया कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी व सिफलस रोग की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिससे गर्भवतियों में एचआईवी व सिफलस रोग को समाप्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर होने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दौरान भी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी व सिफलस रोग की जांच की सुविधा मिलेगी। कार्यशाला में एनएचएम के प्रभारी अधिकारी डॉ.पंकज कुमार सिंह ने कहा कि औषधि प्रतिरोधक टीबी का उपचार अब नई पद्धति के अनुसार किया जाना है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डॉ.अभिषेक, प्रदेश टीबी नियंत्रण टास्क फोर्स की अध्यक्ष एवं एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.प्रदीप अग्रवाल, हिमालयन मेडिकल कालेज से डॉ.आर खंडूड़ी, डॉ. वी जेठानी आदि मौजूद थे।