तिरुवनंतपुरम। श्रीलंका में जारी आर्थिक महासंकट के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। उन्होने कहा है कि, भारत हमेशा से श्रीलंका के लिए खड़ा रहा है। हम हर संभव मदद की कोशिश कर रहे हैं। वे अपनी समस्या पर काम कर रहे हैं, देखते हैं आगे क्या होता है।
अभी तक शरणार्थियों से संबंधित कोई समस्या नहीं है। शरणार्थियों को लेकर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हम श्रीलंका में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों के भी संपर्क में हैं। पल-पल के घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। बता दें कि, श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के खिलाफ विरोध चरम पर पहुंच गया है।
केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे हैं विदेश मंत्री:-
तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, जयशंकर ने कहा कि हम श्रीलंका का बहुत समर्थन करते रहे हैं। हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और जिस बात को लेकर वहां के नागरिक चिंतित हैं उसके लिए हमारी सरकार हमेशा खडी़ रहेगी । वे अभी अपनी समस्याओं के माध्यम से काम कर रहे हैं, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं। जब पत्रकारों ने पूछा कि, क्या कोई शरणार्थी संकट भी है वहां, तो जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है।
श्रीलंका में शनिवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के आवास पर धावा बोल दिया। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया। घर में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
विक्रमसिंघे ने घोषणा की है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वह पद छोड़ देंगे। राजपक्षे के इस्तीफे पर एक बयान सार्वजनिक किया गया है, जिसके मुताबिक वह 13 जुलाई को औपचारिक रूप से अपने पद को त्याग देंगे।