फेसबुक ने 10 वर्ष तक रिसर्च के बाद बंद किया फेशियल रिकॉग्निशन…
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया साइट फेसबुक अब मेटा के नाम से जानी जा रही है। पिछले सप्ताह ही कंपनी ने अपने नए नाम की घोषणा की है और अब एक और बड़ा एलान करके फेसबुक ने दुनिया को हैरान कर दिया है। एक सप्ताह के अंदर फेसबुक की ओर से दो बड़े एलान किए गए हैं, जिनमें पहला पैरेंट कंपनी का नाम और दूसरा फेशियल रिकॉग्निशन को बंद करना है। फेसबुक ने कहा है कि वह फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम को इस महीने बंद कर देगी और करीब एक अरब से अधिक यूजर्स का डाटा डिलीट करेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यूनिट में उपाध्यक्ष जेरोमी पेसेंटी ने अपने एक ब्लॉग में लिखा कि शियल रिकॉग्निशन सिस्टम फिलहाल चिंता का विषय बना हुआ है। हम इसमें बदलाव कर रहे हैं, हालांकि हम अभी भी इस सॉफ्टवेटर को एक पावरफुल डिवाइस के रूप में देखते हैं, लेकिन यह भी सच है कि हर एक नई तकनीक अपने साथ फायदे और चिंता दोनों लेकर आती है। हम एक सुंतलन चाहते हैं। फिलहाल तो अनिश्चितता का माहौल है, उसमें हमारा मानना है कि फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल अनुचित है। फेसबुक ने फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की शुरुआत 2010 में की थी। फेसबुक का फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम यूजर्स की पहचान करता है। इसे एक उदाहरण से समझें तो मान लें किसी ने अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर एक फोटो शेयर की जिसमें आप मौजूद हैं तो फेसबुक का फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम फोटो में आपकी पहचान कर आपको नोटिफिकेशन भेजता है कि किसी ने एक फोटो शेयर की है जिसमें आप हैं।