नई दिल्ली। केंद्रीय बजट से पहले उद्योग निकाय फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI ) ने सरकार से फेरोनिकेल पर मूल सीमा शुल्क को शून्य करने और स्टेनलेस स्टील के फ्लैट प्रोडक्ट्स के आयात पर 12.5 फीसदी का उच्च शुल्क लगाने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। अपनी बजट सिफारिशों में FICCI ने सरकार से 31 मार्च 2022 के बाद स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर शून्य शुल्क जारी रखने का आग्रह किया है।
वर्तमान में फेरोनिकेल पर 2.5 फीसदी मूल सीमा शुल्क है। स्टेनलेस स्टील के फ्लैट उत्पादों पर यह 7.5 फीसदी है। स्टेनलेस स्टील स्क्रैप पर 31 मार्च 2022 तक शून्य सीमा शुल्क लागू है। FFICI ने फेरोनिकेल पर शून्य शुल्क का मामला उठाते हुए कहा कि यह स्टेनलेस स्टील बनाने में इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल है। स्टेनलेस स्टील उद्योग फेरोनिकेल और स्टेनलेस-स्टील स्क्रैप मार्गों के माध्यम से अपनी निकेल की थोक आवश्यकताओं को पूरा करता है, क्योंकि शुद्ध निकेल बहुत महंगा है।
देश में फेरोनिकेल की अनुपलब्धता के कारण, घरेलू स्टेनलेस स्टील उत्पादक जापान, दक्षिण कोरिया और ग्रीस जैसे देशों से इसे आयात करने के लिए मजबूर हैं। इसका कारण यह है कि भारत में निकेल अयस्क की कमी है और इसलिए देश के भीतर फेरोनिकल का कोई उत्पादन नहीं होता है। भारत-आसियान एफटीए और भारत-जापान सीईपीए के कारण इंडोनेशिया और जापान से उत्पन्न होने वाले फेरोनिकल पर कोई सीमा शुल्क लागू नहीं है।