लाइफ स्टाइल। व्यक्ति की सोच से उसकी लाइफस्टाइल के बारे में पता लगाया जा सकता है। व्यक्ति की मानसिकता उसकी लाइफ को सुधार भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है। उसकी मानसिकता उसकी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है। व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस होना आम बात है, जिसके चलते हर किसी की मेंटल हेल्थ बिगड़ती जा रही है। लाइफ को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपनी सोच और मेंटल हेल्थ दोनों पर फोकस करना बेहद जरूरी है। मेंटल हेल्थ को सुधारने के कई तरीके होते हैं जैसे मेडिटेशन करना या अच्छी किताबें पढ़ना। लेकिन कुछ ऐसे भी तरीके हैं जिन्हें अपनाकर लाइफ को पूरी तरह से बदला जा सकता है। चलिए जानते हैं मेंटल हेल्थ को बूस्टअप करने के लिए कुछ स्टेप्स-
दिमाग में बनाएं अच्छी तस्वीरें:-
जब भी मेंटल हेल्थ की बात आती है तो आप दिमाग में क्या चित्र बनाते हैं, इसे कैसे देखते हैं और क्या अनुभव करते हैं ये जानना बेहद जरूरी है। डिप्रेशन, चिंता और एंग्जाइटी आमतौर पर तब होती है जब हम अपने दिमाग में चीजों को लेकर एक चित्र बना लेते हैं। ज्यादातर ये विचार या चित्र नेगेटिव होते हैं जो व्यक्ति को बुरा महसूस कराते हैं। दिमाग में आने वाले ये चित्र मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। इसलिए जब भी दिमाग में ऐसे विचार आएं तो व्यक्ति को बुरी बातों में भी अच्छी चीजें ढूढ़ने का प्रयास करना चाहिए। दिमाग में अच्छी चीजों की तस्वीर बनाने से लाइफ की कई परेशानियों को कम किया जा सकता है।
नकारात्मक शब्दों को सकारात्मक शब्दों में बदलें:-
विजुआलाइजेशन की तरह, शब्द भी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। जो शब्द हम कहते हैं या दूसरों के लिए बोलते हैं, उसी पर व्यक्ति के विचार निर्भर करते हैं। खासकर खुद के लिए बोले गए शब्द व्यक्ति में निराशा और नकारात्मकता भर सकते हैं। जैसे यदि कोई व्यक्ति ये सोचता है कि मैं योग्य नहीं हूं या मैं ये काम नहीं कर सकता, तो ये विचार उसे डर और निराशा महसूस कराएंगे। इसलिए लाइफ को सुखद बनाने और मेंटल हेल्थ को बूस्टअप करने के लिए खुद के लिए नकारात्मक शब्दों की जगह सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें। खुद को प्रोत्साहित करें।
नकारात्मक शब्दों को सकारात्मक शब्दों में बदलें:-
विजुआलाइजेशन की तरह, शब्द भी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। जो शब्द हम कहते हैं या दूसरों के लिए बोलते हैं, उसी पर व्यक्ति के विचार निर्भर करते हैं। खासकर खुद के लिए बोले गए शब्द व्यक्ति में निराशा और नकारात्मकता भर सकते हैं। जैसे यदि कोई व्यक्ति ये सोचता है कि मैं योग्य नहीं हूं या मैं ये काम नहीं कर सकता, तो ये विचार उसे डर और निराशा महसूस कराएंगे। इसलिए लाइफ को सुखद बनाने और मेंटल हेल्थ को बूस्टअप करने के लिए खुद के लिए नकारात्मक शब्दों की जगह सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें। खुद को प्रोत्साहित करें।