पैरेंटिंग। परिवार में इकलौता बच्चा अकेलापन महसूस कर सकता है। बच्चे के भाई बहन होने पर उनका बचपन एक दूसरे के साथ प्रेम और स्नेह में बीतता है। भाई-बहन मिलकर घर की रौनक बढ़ाते हैं। वह एक दूसरे के दोस्त होते हैं, जो बचपन में खिलौने शेयर करने से लेकर पैरेंट्स से एक दूसरे की गलतियां छुपाने तक का काम करते हैं।
हालांकि जब बच्चे छोटे होते हैं तो कई बार उनमें लड़ाई झगड़े भी होते हैं। अक्सर भाई बहनों के बीच के विवाद इतने बढ़ जाते हैं कि पैरेंट्स का हस्तक्षेप करना जरूरी हो जाता है। बच्चों को आए दिन एक दूसरे से लड़ता झगड़ता देख घर वाले भी परेशान होने लगते हैं। ऐसे में यदि भाई-बहन बहुत अधिक झगड़ा करते हैं, तो माता पिता को कुछ तरीके अपनाकर बच्चों के बीच स्नेह और प्रेम बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। तो आइए जानते हैं भाई बहनों के बीच के झगड़े को कम करने का तरीका।
शांति से समझाएं :-
बच्चे आपस में बहुत अधिक झगड़ा करते हैं, तो उन्हें डांटे नहीं। बच्चों पर इसका असर नहीं होगा। बल्कि बच्चों को बैठाकर शांति से समझाएं और उनके बीच सुलह कराएं। ताकि भाई बहन में दोबारा लड़ाई न हो।
साथ काम कराएं :-
पैरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों के बीच आपसी समझ और स्नेह को बढ़ाने की कोशिश करें। इसके लिए उन्हें ऐसे काम दें, जो वह साथ साथ करें। काम को अच्छे से पूरा करने के लिए दोनों को सहभागिता देनी होगी, जिससे उनके बीच प्यार बढ़ेगा।
बच्चों के बीच न आएं :-
पैरेंट्स को हर बार बच्चों के झगड़ो का बीच-बचाव नहीं करना चाहिए। हमेशा उनके बीच आने से वह माता पिता पर निर्भर हो जाते हैं और हर बार अपनी लड़ाई पर अभिभावक को बुला लेते हैं। उनके बीच का विवाद कम नहीं होता, बल्कि झगड़े बढ़ने लगते हैं। ऐसे में यदि कोई भाई-बहन आपस में लड़ रहे हैं तो उन्हें अपने विवाद सुलझाने दें, जब तब विवाद बहुत गंभीर न हो।
संगत पर दें ध्यान :-
बच्चे के लिए उसका भाई और बहन ही सबसे ईमानदार दोस्त हो सकता है। बच्चे को इस बात का आभास कराएं। जब बच्चे से घर से बाहर दूसरे दोस्त बनाते हैं, तो कई बार गलत संगत के झगड़ालू बच्चे से दोस्ती होने पर वह घर आकर अपने भाई बहन से लड़ना सीख जाते हैं। ऐसे में बच्चों की संगत पर नजर रखें।