विदेश मंत्रालय ने PM मोदी के US दौरे, सिंधु जल संधि सहित कई मुद्दों पर दिया बयान

नई दिल्ली। व्हाइट हाउस में पीएम मोदी की मेजबानी करने की खबरों पर विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम यात्रा की घोषणा उचित समय पर करेंगे, इस समय मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी चरमपंथ की घटनाओं पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम इस तरह के घटनाओं और तोड़-फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने खालिस्तान जनमत संग्रह को अपनी अस्वीकृति से अवगत कराया है। हमने वहां पर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है।

प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह और राजनीति से प्रेरित कार्यों के प्रति अपनी दृढ़ अस्वीकृति से अवगत कराया है। हमने ऑस्ट्रेलिया सरकार से भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे लोगों और कामों के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र के उपयोग की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है जो भारत की अखंडता, इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक होगा।

आईसीईटी के जरिए भारत और अमेरिका सामरिक प्रौद्योगिकी सहयोग का नया आयाम जोड़ा:-
अपनी रोजाना ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि iCET का नेतृत्व भारत और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद करती है। हाल ही में आईसीईटी की पहली बैठक हुई। हमारा मानना है कि आईसीईटी के माध्यम से भारत और अमेरिका ने मजबूत द्विपक्षीय एजेंडे में सामरिक प्रौद्योगिकी सहयोग का एक नया आयाम जोड़ा है।

पाकिस्तान पर दी प्रतिक्रिया:-
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान को 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए 25 जनवरी को नोटिस जारी किया है। मुझे पाकिस्तान या विश्व बैंक की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया की जानकारी नहीं मिली है। संधि के भौतिक उल्लंघन को सुधारने के लिए पाकिस्तान को वार्ता करने का अवसर प्रदान करने के लिए इसे जारी किया गया था। हमने पाकिस्तान से उपयुक्त तिथि अधिसूचित करने का आह्वान किया है।

भारत में अमेरिकी राजदूत के मुद्दे पर भी दी प्रतिक्रिया :-
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट विक्टोरिया नूलैंड की यात्रा के दौरान भारत में कोई अमेरिकी राजदूत नहीं होने के मुद्दे पर बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा किअमेरिकी राजदूत का मुद्दा हमारी तरफ से नहीं उठाया गया। हमने इस पर अपनी स्थिति काफी स्पष्ट कर दी है। हम यहां अमेरिकी राजदूत का स्वागत करते हैं।

 

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