सरकारी भूमि में निर्माण पर पेच, पर्यावरण मंत्रालय ने लगाई पांच शर्तें..
हिमाचल प्रदेश। कीरतुपर-नेरचौक फोरलेन में गरामोड़ा से सुंदरनगर के भवाणा तक सरकारी भूमि पर निर्माण कार्य शुरू होने पर पेच फंस गया है। काम तब तक शुरू नहीं होगा जब तक एनएचएआई पर्यावरण मंत्रालय की पांच अतिरिक्त शर्तों को पूरा नहीं कर लेता। फोरलेन में बरती गई अनियमितताओं के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने उक्त फोरलेन का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद कर दिया था। 11 जून की क्षेत्रीय प्राधिकार समिति (आरईसी) की बैठक में मंत्रालय ने राज्य सरकार और एनएचएआई के समक्ष इस कार्य को शुरू करने के लिए पांच अतिरिक्त शर्तें रखी थी। जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इन शर्तों को पूरा किए बिना ही एनएचएआई ने जब्बल, मैहला, थापना, टाली, तुन्नु और सुन्नण में वन भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया था, लेकिन वन विभाग के नोटिस जारी करने के बाद इसे बंद कर दिया गया है। डीएफओ बिलासपुर अवणी भूषण राय ने बताया कि जब तक पर्यावरण मंत्रालय की पांच अतिरिक्त शर्तों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक सरकारी भूमि पर सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दूसरी ओर फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल ने कहा कि उक्त मुहालों में वन भूमि के लेआउट प्लान के दोनों ओर फोरलेन निर्माण के लिए लगाए जा रहे बाउंड्री पिल्लर पर्यावरण मंत्रालय की शर्त नंबर चार के अनुसार नहीं लगाए जा रहे हैं। यह बाउंड्री पिल्लर कौन लगा रहा है, यह भी साफ नहीं है।