गुजरात। गुजरात विधानसभा ने गुजरात भूमि कब्जा अधिनियम 2020 और गुजरात जैविक कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 2017 में संशोधन से संबंधित दो विधेयक पारित किए। दोनों संशोधन विधेयक कांग्रेस विधायकों की अनुपस्थिति में पारित किए गए।
दरअसल कांग्रेस विधायकों ने प्रश्नकाल के बाद वरिष्ठ विधायक पुंजा वंश के निलंबन को लेकर सदन से वॉकआउट कर गए थे। गुजरात भूमि निषेध संशोधन विधेयक-2022 को राज्य के राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी द्वारा पेश किया गया।
इसमें कहा गया है कि मूल अधिनियम में भूमि शब्द में वह भूमि शामिल नहीं होगी, जिसके संबंध में इस कानून के लागू होने की तिथि तक अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अनुदान के लिए आवेदन लंबित हैं।
वहीं राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि यह संशोधन आदिवासियों को भूमि हथियाने अधिनियम के तहत किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचाएगा, यदि उन्होंने अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी अधिनियम के तहत भूमि आवंटन के लिए पहले ही आवेदन कर दिया था।
एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित भूमि कब्जा अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालतों द्वारा जारी किए गए आदेशों के खिलाफ अपील के प्रावधान के बारे में भी था।