हाथरस। हाथरस के बहुचर्चित बिटिया प्रकरण में 900 दिन बाद फैसला आया है। चारों अभियुक्तों में से एक दोषी पाया गया है। शेष तीन आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया है। दोषी पर थोड़ी देर में सजा सुनाई जाएगी। वहीं, बिटिया पक्ष के अधिवक्ता महीपाल सिंह निमहोत्रा ने कहा कि 14 सितंबर 2020 को हुए हाथरस कांड में एससी-एसटी कोर्ट ने अभियुक्त संदीप को दोषी पाया है।
लवकुश, रामू और रवि को दोषमुक्त कर दिया है। आरोपी संदीप को आईपीसी की धारा 304 एससी-एसटी एक्ट के लिए दोषी माना है, दुराचार का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। आज ही दोपहर दो बजे के बाद दोषी संदीप ठाकुर के खिलाफ सजा सुनाई जाएगी।
बिटिया पक्ष के वकील महीपाल सिंह निमहोत्रा ने कहा कि न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। सीबीआई ने सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामलों में चार्ज शीट दाखिल की थी।
बता दें कि हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ दरिंदगी हुई थी। गांव के ही चार युवकों ने दुष्कर्म किया था और उसकी गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया था। 29 सितंबर 2020 में युवती ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर चारों अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार कर लिया था।
मामले की विवेचना सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने चारों अभियुक्तों संदीप, रवि, रामू व लवकुश के खिलाफ आरोपत्र विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) के न्यायालय में दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप पत्र धारा 302, 376 ए, 376 डी, व एससी-एसीटी एक्ट के तहत दाखिल किया था। सीबीआई ने 67 दिनों तक विवेचना की।