हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने चार तहसीलदारों को जारी किया नोटिस
हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने चालक के पद से मौखिक बर्खास्तगी को चुनौती देने वाले एक मामले में चंबा जिले की भरमौर तहसील में सेवा देने वाले चार तहसीलदारों को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने यह आदेश केवल सिंह की याचिका पर पारित किए।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसे तहसीलदार भरमौर के कार्यालय में ड्राइवर के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्ष 2016 से अपनी प्रारंभिक नियुक्ति से वह अस्थायी तौर पर प्रतिवादी विभाग का वाहन चला रहा है। उसने आरोप लगाया है कि वह प्रतिवादी-विभाग के साथ लगातार ड्राइवर के रूप में काम कर रहा है, लेकिन वर्ष 2017 से विभाग ने उसे वेतन देना बंद कर दिया है। याचिका में आरोप लगाया है कि उसके वेतन के संबंध में पूछताछ करने पर उसे बताया गया कि उसका मामला उच्च अधिकारी को नियमित करने के लिए भेजा गया है। उसे आश्वासन दिया गया था कि उसे नियमितीकरण के साथ वेतन भी दिया जाएगा। विभिन्न अनुरोधों और प्रतिवेदनों के बावजूद उसे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया गया। उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को निर्धारित अवधि के भीतर उसके प्रतिवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया, जो उनके पास लंबित था। हालांकि प्रतिवादियों ने उसे बताया कि उसकी नियुक्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादियों ने अपने जवाब में याचिकाकर्ता की चालक के रूप में नियुक्ति पर विवाद किया है, जबकि याचिकाकर्ता द्वारा पेश किए गए रिकॉर्ड से स्पष्ट होता हैं कि याचिकाकर्ता न केवल प्रतिवादियों के साथ एक ड्राइवर के रूप में जुड़ा हुआ था, बल्कि उसने 24.10.2017 से 22.03.2021 तक विभिन्न तहसीलदारों के साथ भी काम किया है। कोर्ट ने भरमौर तहसील में उपरोक्त अवधि के दौरान भरमौर तहसील में सेवा देने वाले तहसीलदार गणेश ठाकुर, जीवन कुमार, केशव राम कोली और ज्ञान चंद को नोटिस जारी किया है।