Horn sound : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक नए मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह एक ऐसा कानून लायेंगे जिसमें गाड़ियों के तेज ध्वनि और कर्कश हॉर्न की जगह भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि सुनाई दे। हाल ही में दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने बताया कि भविष्य में गाड़ियों के हॉर्न से बांसुरी, तबला, वायलिन और हारमोनियम जैसी राहत देने वाली आवाजें सुनाई दे सकती हैं।
आवाज के प्रदूषण को कम करने की पहल
गडकरी ने इस पहल के पीछे की वजह भी समझाई। उनका मानना है कि सड़क के किनारे रहने वाले को लोगों को ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिले। ये भी कहा कि इस ध्वनि प्रदूषण को दूर करना बेहद जरूरी है ताकि लोगों को शहरी माहौल में राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि जैसे हम हवा की गुणवत्ता सुधारने की कोशिश करते हैं, वैसे ही अब हमें ध्वनि प्रदूषण को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर से 40% वायु प्रदूषण
जानकारी के अनुसार बताया गया है कि भारत में लगभग 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से आता है। इसी वजह से सरकार ग्रीन मोबिलिटी यानी पर्यावरण के अनुकूल यातायात साधनों को बढ़ावा दे रही है। इसमें बायो-फ्यूल जैसे एथेनॉल और मीथेनॉल से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार ऐसे ट्रांसपोर्ट विकल्पों पर काम कर रही है जो पर्यावरण के लक्ष्यों के अनुरूप हों।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार
गडकरी ने भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर की बढ़ती ताकत पर भी रोशनी डाली। इतना ही नहीं, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बनने का गौरव भी हासिल कर लिया है, जो अब सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है।
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