दुनिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र में भारत ने कहा कि हम पिछले दो साल में आर्थिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देते हुए 20 करोड़ से अधिक महिलाओं को वित्त व्यवस्था की मुख्य धारा में लाए हैं। इस दौरान हमने कोविड-19 वैश्विक महामारी से भी जंग लड़ी, जिसने पूरी दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित किया है। यूएनजीए सेकंड कमेटी में सतत विकास और वैश्वीकरण और पारस्परिक निर्भरता के लिए सूचना व संचार तकनीक (आईसीटी) पर चर्चा हुई। इस दौरान भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने एक सामाजिक सुरक्षा पहल की जो गरीबों के हित में थी और व्यापक स्तर पर पहुंच वाली थी। स्नेहा दुबे ने कहा कि डिजिटल तकनीकी और इंटरनेट की ताकत इस पहल में ताकत को कई गुना बढ़ाने वाली साबित हुई है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन पहुंचाने और 40 करोड़ लोगों तक वित्तीय मदद पहुंचाने का कार्यक्रम को डिजिटल तकनीकी की मदद से संचालित किया गया। वित्तीय समावेश की रफ्तार बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि भारत का आरोग्य सेतु एप कोविड-19 की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में प्रभावी है। दुबे ने कहा कि हमारा स्वदेशी प्लेटफॉर्म आरोग्य सेतु प्रभावी कोविड कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की सुविधा देता है। भारत का को-विन प्लेटफॉर्म टीकाकरण प्रबंधन के लिए है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रम नें आईसीटी का बड़े स्तर पर उपयोग किया गया है। स्नेहा दुबे ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत ने एक मजबूत, पारदर्शी और जीवंत डिजिटल व्यवस्था तैयार की है जो समावेशी है और सशक्त करने वाली है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था ने गरीबी से लड़ने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और कोविड-19 के दौरान उत्पादकता को बढ़ाने में बेहद जरूरी समाधान प्रदान किया है।