चेन्नई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा। विदेश मंत्री ने शनिवार शाम चेन्नई में एक तमिल साप्ताहिक की 53वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए कहा कि चीन उत्तरी सीमाओं पर बड़े पैमाने पर बलों को लाकर हमारी सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है। वह यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। कोरोना के बावजूद हमारी जवाबी प्रतिक्रिया मजबूत और दृढ़ थी। हजारों की संख्या में तैनात हमारे सैनिकों ने दुर्गम इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा की और वे आज भी पूरी तत्परता के साथ सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद और चीन के साथ सीमा पार आक्रामक झड़पों पर भारत की जवाबी प्रतिक्रिया ने दिखाया है कि देश किसी के दबाव में नहीं आएगा। देश अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में वायु सेना के बालाकोट हवाई हमलों ने बहुत जरूरी संदेश दिया था।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर 1947 में देश का विभाजन नहीं हुआ होता तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश होता। तब चीन हमेशा पीछे होता। आपको आश्चर्य हो सकता है कि विदेश मंत्री इन सब के बारे में क्यों बात कर रहे हैं। मेरी विदेश यात्रा के दौरान मैंने कई विकसित देशों को दिए गए हमारे कोरोना टीकों और हमारे प्रौद्योगिकी-सक्षम शासन के बारे में प्रशंसा सुनी है।