यात्रा। भारत को दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक माना जाता है। आदिकाल से भारत पुराने, रहस्यमयी, शानदार इमारत, महल और गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां के घने जंगल और उंचे-उंचे पहाड़ों पर छिपी आदिकाल की गुफाएं आज भी भारत के लिए एक खजाने से कम नहीं है। इन गुफाओं में हर साल हजारों सैलानी घूमने के लिए आते हैं।
हिंदू, जैन और बौद्ध आदि धर्म से प्रेरित ये गुफाएं असाधारण मूर्तियों और बेहतरीन नक्काशी के लिए आज भी जानी जाती है। इन गुफाओं के अंदर आज भी कई रहस्य दबे हुए हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सके हैं। आइए जानते हैं भारत की कुछ प्राचीन और रहस्यमयी गुफाओं के बारे में –
भीमबेटका गुफाएं:-
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में मौजूद ये गुफा भारत की सबसे प्राचीन गुफाओं में से एक हैं। माना जाता है कि महाभारत काल में भीम इसी जगह बैठा करते थे, इसलिए इस गुफा का नाम भीमबेटका रखा गया था। इस गुफा में एक पुरापाषाणिक आवासीय स्थल भी है। भीमबेटका की गुफाओं में आज भी आदिमानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों को देखा जा सकता है। यूनेस्को ने वर्ष 2003 में ही इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया है।
कुटमसार गुफाएं:-
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कुटमसार/कोटमसार गुफाएं एक विश्व प्रसिद्ध गुफा है। इस गुफा को लेकर छत्तीसगढ़ के लोगों का मानना है कि आदिकाल में ये गुफाएं और इसके आसपास के इलाके पूरे पानी में डूबे रहते थे। ये गुफा जमीन से लगभग 56 फीट नीचे हैं और लम्बाई लगभग तीन सौ मीटर से भी अधिक है। कई इतिहासकार इस गुफा को लेकर बोलते हैं कि प्राचीन काल में यहां के लोग भारी वर्ष, तूफान आदि के समय में इसी गुफा में रहते थे। हालांकि, इस गुफा का निर्माण कब हुआ इसका कोई मूल प्रमाण आजतक किसी को नहीं मिला है।
बादामी की गुफाएं:-
दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में स्थित बादामी गुफाएं साउथ की सबसे प्राचीन गुफाओं में से एक है। इस गुफा में विष्णु को समर्पित एक प्राचीन मूर्ति भी मौजूद है। ये एक ऐसी गुफा है जहां तीन हिन्दू धर्म से और एक जैन धर्म से संबंधित गुफाएं मौजूद है। इन गुफाओं में मौजूद द्रविड़ वास्तुकला हजारों सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस गुफा को लेकर मान्यता है कि इसके निर्माण से पहले इसके आसपास कई आदिवासी जनजाति के लोग रहते थे, जिसे बाद में पल्लव वंश के शासकों ने इसे एक गुफा में तब्दील कर दिया।
एलीफेंटा गुफाएं:-
मुंबई से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद एलीफेंटा गुफाएं घारपुरी द्वीप पर स्थित हैं। इस गुफा तक पहुंचने और घूमने के लिए नाव से जाना होता है। विशाल पहाड़ों को काटकर बनाई गई इन अद्भुत गुफाओं को 7वीं शताब्दी के आसपास राष्ट्रकूट राजाओं द्वारा खोजा गया था। ये गुफाएं 7वीं शताब्दी से भी प्राचीन है। यहां 7 गुफाएं मौजूद है जिसमें अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। एलीफेंटा नाम पुर्तगालियों ने दिया था। ये भी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है।