Karwa Chauth Puja: आज देशभर में पूरे धूमधाम के साथ करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर की रात 09:29 बजे से ही शुरू होकर 1 नवंबर की 9:19 बजे तक रहेगी. इन दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं.
यह पर्व चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. ऐसे में इस दिन चंद्रोदय रात्रि 8:06 मिनट पर होगा. आपको बता दें कि इस बार करवा चौथ बेहद ही दुर्लभ संयोग बन रहे हैं.तो चलिए जानते हैं करवा चौथ की तिथि, पूजन मुहूर्त, चंद्रोदय के सही समय के बारे में.
चतुर्थी तिथि कब से कब तक?
हिंदू पंचाग के मुताबिक, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर की रात 09 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और 01 नवंबर की रात 09 बजकर 19 मिनट पर इसका समापन होगा.
Karwa Chauth Puja शुभ मुहूर्त
बता दें कि करवा चौथ का व्रत 01 नवंबर को रखा जाएगा, ऐसे में करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त: 1 नंवबर की शाम 05: 36 मिनट से 06 : 54 मिनट तक रहेगा यानी पूजा की कुल अवधि 01 घंटा 18 मिनट तक रहेगा.
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करवा चौथ व्रत का सही समय 2023
हिंदू पंचांग के मुताबिक, करवा चौथ व्रत 01 नवंबर को प्रातः 06: 33 मिनट से प्रारंभ होकर चंद्रोदय तक रखा जाएगा. इस व्रत का कुल समय 13 घंटे 42 मिनट है. व्रती महिलाएं ध्यान दें की इस व्रत में चंद्रदर्शन के बाद उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है.
चंद्रोदय का सही समय
करवा चौथ के दिन यानी 1 नंवबर को चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 15 मिनट पर है. जबकि अलग-अलग शहरों में चंद्रदर्शन का समय अलग-अलग हो सकता है.
करवा चौथ व्रत में होती है किसकी पूजा
बता दें कि करवा चौथ व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं शाम के समय सोलह श्रृंगार करके पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश के साथ भगवान शिव और माता पार्वती, कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इसके बाद करवा मां और चंद्रमा की भी आराधना की जाती है. फिर चंद्रमा निकालने पर उनके दर्शन करके उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और पत्नि अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत इस व्रत को खोलती है. मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.