जम्मू-कश्मीर। कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की मोडस ऑपरेंडी को नाकाम बनाने के लिए घाटी में विशेषकर श्रीनगर में रणनीति में बदलाव किया है। 90 के दशक में जब आतंकवाद चरम पर था तो सर्च ऑपरेशन चलाए जाते थे। अब उसी तर्ज पर श्रीनगर में रैंडम सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हाइब्रिड आतंकियों ने जबसे पिस्तौल से घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया है, तब से सुरक्षा एजेंसियों को और ज़्यादा चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले वारदात में एके 47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया जाता था, जोकि कैरी करना आसान नहीं होता था, लेकिन पिस्तौल आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं, क्योंकि इसे छुपाना आसान है। इसलिए इस मोडस ऑपरेंडी को काउंटर करने के लिए रैंडम सर्च ऑपरेशन शुरू किए गए हैं। वहीं इसी तर्ज पर वीरवार को भी श्रीनगर के कई इलाकों को सुरक्षाबलों ने घेरे में ले लिया। इस दौरान राहगीरों को एक कतार में खड़ा कर उनके शिनाख्ती कार्ड चेक किए गए, गाड़ियों की तलाशी ली गई और यहां तक कि कुछ दुकानों को भी खंगाला गया।