पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्तिमती श्री मीराबाई ने इस कराल कलिकाल में गोपियों के समान श्री कृष्ण प्रेम को अपने में प्रगट करके उसका दूसरों को भी दर्शन करा दिया। स्वच्छंद और निडर होकर रसिकशेखर श्री राधा श्यामसुंदर के सुयश को गाया। दुष्टों(राणा) ने इस प्रकार की भक्ति को अनुचित माना और सोच-विचार कर इनकी मृत्यु का उपाय किया। इन्हें पीने के लिए विष दिया, उसे ये अमृत की तरह पी गई।
भगवान की कृपा से आपका बाल भी बांका नहीं हुआ। आपने बिना किसी लोक लज्जा और संकोच के कुल की मर्यादा के बेड़ी-बंधनों को त्यागकर श्री गिरधर गोपाल जी का भजन किया। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)