दिल्ली सरकार ने पानी बिल माफ करने की बनाई योजना, 16 लाख उपभोक्ताओं की परेशानी होगी खत्म

Delhi : दिल्ली की मुख्‍यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुआई वाली सरकार अब आम लोगों को खुशखबरी देने जा रही है। जानकारी के मुताबिक, दिल्‍ली में पानी के बिल माफ होने जा रहे हैं।  बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार डोमेस्टिक बिल में लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने वाली हैं। लगभग 80% से 90% बिल पर छूट दी जाएगी। ये वो उपभोक्ता थे, जिनका ये कहना था कि कोरोना के दौरान जल बोर्ड के तरफ से मीटर रीडिंग ही नहीं ली गई थी।

जल बोर्ड अधिकारी नही कर पाए समाधान

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण से 2020 में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस कारण जल बोर्ड के अधिकारी मीटर की रीडिंग लेने के लिए घर-घर नहीं जा पाए थे। इस दौरान अपने हिसाब से रीडिंग भर दी गई और लोगों को बिल जारी कर दिए गए। ऐसे में काफी बड़ी संख्या में लोगों का बिल सामान्य से ज्यादा आया तो उन्होंने शिकायत की और बिल भी नहीं भरा। बता दें कि शिकायतें इतनी भारी मददे पर हो गईं कि जल बोर्ड के अधिकारी इनका समाधान नहीं कर पाए।

दिल्‍ली सरकार ने बनाई योजना

जानकारी के मुताबिक, दिल्‍ली में पानी का बिल नहीं भरने से पेनाल्टी और ब्याज लगती गई। पानी का बिल न भरने की वजह से छोटे-छोटे घरों में रहने वाले लोगों के पानी के बिल भी लाखों में पहुंच गए। इस समस्‍या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पानी का बिल सेटल करने के लिए योजना बनाई। बता दें कि राज्य सरकार और गवर्नर के बीच चल रहे विवाद के कारण यह योजना लागू नहीं हो पाई और पानी के बिल की समस्या बनी रही। लेकिन इस समस्‍या के मामले को लेकर बीजेपी सरकार बिल माफ करने की तैयारी में है। 

कोरोना के बाद ज्‍यादातर आ रहे गलत बिल

जानकारी के दौरान, दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2024 में पानी का एक बिल फाड़कर फेंका था और लोगों से इसका समाधान करने का वादा किया था। बता दें कि वह अपना वादा पूरा करने में असमर्थ रहें। लेकिन भाजपा ने उपराज्यपाल के माध्यम से अफसरों से योजना को रुकवा दिया।

ऐसे में बताया जा रहा है कि कोरोना के बाद से ज्यादातर लोगों के पानी के बिल गलत आ रहे हैं। लेकिन अब हमने पानी मुफ्त कर रखा है। फिर भी इतना ज्यादा बिल आ रहे हैं जो गलत है। बता दें कि दिल्ली में 11 लाख ऐसे परिवार हैं, जो गलत बिल से परेशान हैं। गलत बिल आने के कारण लोगों ने बिल भरे नहीं,  उस पर ब्याज और एलपीसी पेनाल्टी लगती गई और बिल लाखों में पहुंच गए।

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