ICC संबोधन में बोले PM मोदी- सहकारिता सबका साथ, सबका विकास की भावना का एक जीता-जागता सबूत

17th International Day of Cooperatives 2023: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित किया। उन्‍होने कहा कि हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है।

बता दें कि प्रधानमंत्री के “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण में दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर सरकार देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस प्रयास को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया। वहीं, इस बार के अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की भागीदारी इस दिशा में एक और कदम है।

हमारी सरकार ने बैंको को मजबूती दी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने भारतीय सहकारी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया। आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है। सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है।

कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्ज़ी लाभार्थी नहीं

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे। करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्ज़ी लाभार्थी नहीं। किसान हितैषी अप्रोच को जारी रखते हुए, कुछ दिन पहले एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। अमृतकाल में देश के गांव, देश के किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के कॉपरेटिव सेक्टर की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। पिछले कुछ साल में 2.5 लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजे गए। जबकि 2014 के पहले 5 साल के कृषि बजट 90 हजार करोड़ रुपये से भी कम था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश इस समय विकसित और आत्मनिर्भर भारत के अभियान की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सहकारिता भी सबका साथ, सबका विकास की भावना का एक जीता-जागता सबूत है।

 

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