नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में मतों की गिनती शुरू हो गई है। शुरूआती रूझान उम्मीदों के अनुरूप ही सामने आ रहे हैं। यूपी में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं उत्तराखंड और गोवा में मुकाबला कांटे का बना हुआ है। पंजाब में आम आदमी पार्टी तो मणिपुर में भाजपा आगे दिख रही है।
इतना तो स्पष्ट है कि इन पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों (उत्तर प्रदेश:403; पंजाब:117; उत्तराखंड:70; मणिपुर: 60 और गोवा:40) से न केवल राज्यसभा की संरचना बदलेगी, बल्कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों का इलेक्टोरल कॉलेज भी प्रभावित होने वाला है। राष्ट्रपति चुनावों से पहले इन राज्यों की 19 राज्यसभा सीटें खाली होने वाली हैं, जो यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में हैं और इन सीटों का फैसला नए विधायक ही करेंगे।
दोनों सदनों के 776 सांसद और राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के 4,120 विधायक मिलकर राष्ट्रपति चुनते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज 10,98,903 वोट्स का है। राष्ट्रपति बनने के लिए 5,49,452 वैल्यू वोट्स चाहिए होते हैं। उत्तर प्रदेश के हर विधायक के वोट की वैल्यू 208 है, जो देश में सबसे अधिक है। यानी यूपी के विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 83,824 है। यह वैल्यू आबादी के अनुपात में तय होती है। इसके बाद महाराष्ट्र (50,400) और पश्चिम बंगाल (44,394) का नंबर आता है। इस वजह से यूपी के विधायक राष्ट्रपति चुनावों में भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।