दशहरे के शुभ अवसर पर प्रियजनों को भेजें ये शुभकामना संदेश…

शुभकामना। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशहरा त्योहार अधर्म पर धर्म की विजय को बताता है। दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध कर किया था और माता सीता को वापस लेकर आए थे, जिसकी खुशी में हर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।

इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को है। इस दिन देशभर में रावण दहन होगा। लोग धूम धाम से इस उत्सव को मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं। साथ ही लोग दशहरे के शुभ अवसर पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों का शुभकामना संदेश भेजते हैं।  यदि आप दशहरे पर अपने दोस्तों, करीबियों और रिश्तेदारों को बधाई भेजना चाहते हैं तो इस खास अंदाज में उन्हें शुभकामना संदेश भेज सकते हैं-

बुराई रूपी रावण का सर्वनाश हो

सभी के मन में श्रीराम का वास हो

दशहरा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

असत्य पर सत्य की जीत हो,

अधर्म पर धर्म पड़े हमेशा भारी

दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!

अन्याय पर न्याय की विजय हो,

अच्छाई की रोशनी से दूर हो बुराई का अंधकार

दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!

बुराई का हो विनाश

दशहरा लाए खुशियों की आस

संकटों और दुखों का हो नाश

दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं!

भगवान राम आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद दें।

आपके जीवन से सभी तरह से संकट दूर हों।

दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं

दशहरे का ये पावन त्योहार
घर में लाए आपके खुशियां अपार
श्री राम जी करें आप पर खुशियों की बौछार
दशहरा की शुभकामनाएं

अधर्म पर धर्म की विजय
असत्य पर सत्य की विजय
बुराई पर अच्छाई की विजय
पाप पर पुण्य की विजय
अत्याचार पर सदाचार की विजय
क्रोध पर दया, क्षमा की विजय
और अज्ञान पर ज्ञान की विजय
दशहरा की शुभकामनाएं

हृदय में धारण करें प्रभु श्री राम का नाम
अपने भीतर के रावण का करें सर्वनाश
दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
दशहरा की शुभकामनाएं

क्यों मनाते हैं विजयादशमी:-

हिंदू धर्म में विजयादशमी या दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। मान्यता के अनुसार, इस दिन श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था। उसके बाद से लोग प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को वजयादशमी मनाते हैं। इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाया जाता है।

रावण के दस सिर का अर्थ जानें:-

दुर्गा नवमी के अगले दिन विजयादशमी पड़ता है। यह पर्व लंका के राजा रावण पर श्री राम की जीत का प्रतीक है। रावण के दस सिर दस तरह की बुराइयों को दर्शाते हैं। वासना, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, लोभ, भय, जड़ता, घृणा, घमंड, क्रोध को दर्शाता है रावण के ये दस सिर। दशहरा शब्द संस्कृत शब्द दशा और हारा से मिलकर बना है।

दशा का मतलब होता है दस, जो रावण का प्रतिनिधित्व करता है और हारा का मतलब है हार जाना। राम भगवान ने रावण के घमंड को जड़ से उखाड़ फेका था और उसे युद्ध में मात दी थी। साथ ही इस दिन मां दुर्गा ने भी राक्षस महिषासुर का वध किया था।

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