नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक मन की बात कार्यक्रम में ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट से हमें सावधान रहना होगा, ओमिक्रॉन पर लगातार शोध जारी है। हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी। वैश्विक महामारी को परास्त करने के लिए, हमें अनुशासन की जरूरत है। इसी संकल्प के साथ 2022 में हमें प्रवेश करना होगा। इस दौरान पीएम मोदी ने ग्रीस के छात्रों द्वारा गाए गए वंदे मातरम का भी जिक्र किया और उसका वीडियो भी दिखाया। वहीं पीएम मोदी ने आगे तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह पर भी बात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि नभः स्पृशं दीप्तम् यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। यह भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है। मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का रहा। वहीं वरूण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए। वरूण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। बता दें कि उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित कई वीरों को खो दिया। वहीं वरूण सिंह जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष अगस्त में वरूण सिंह को शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहाँ के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक सेलिब्रेशन बने। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुँच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया, बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला।